Neem ke fayde or nuksan |नीम के फायदे और नुकसान |

Neem ke fayde or nuksan नीम के फायदे और नुकसान

नीम क्या है?

(Neem ke fayde or nuksan) नीम एक औषधीय पेड़ है, जिसके लगभग सभी भागों का इस्तेमाल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह महोगनी कुल से संबंध रखता है और इसका वानस्पतिक नाम अजादिरछा इंडिका (Azadirachta Indica) है।इस पेड़ का जीवनकाल 155-225 साल तक का हो सकता है। अनुमान यह है कि भारत में लगभग लाखों नीम ट्री हैं। वहीं, आयुर्वेद में भी नीम की अहम भूमिका है। नीम के फायदे और नुकसान

आदि कल से ही इसका इस्तेमाल त्वचा संबंधी परेशानियों से लेकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता रहा है। लेख में आगे हम नीम के औषधीय गुण से लेकर नीम खाने के फायदे से जुड़ी कई सारी जानकारियां देंगे। नीम के फायदे और नुकसान

Neema Juice Benefits:- अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर नीम भारत में बड़े पैमाने पर पाया जाता है। सदियों से इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक इलाज के लिए होता आ रहा है। हालांकि, नीम के गुणों की सराहना तो खूब होती है, लेकिन इसके स्वाद के चलते लोग इससे दूरी बनाकर रखते हैं। फिर भी इस बात को झुटलाया नहीं जा सकता कि नीम में कई ऐसे गुण मौजूद हैं, जिसकी मदद से अनेकों बीमारियों का इलाज किया जाता है। नीम के फायदे और नुकसान

(Neem ke fayde or nuksan)  अगर इसे पहले ही अपनी लाइफ में शामिल कर लिया जाए, तो आने वाली परेशानियों से मुकाबला किया जा सकता है। नीम से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों को पाने के लिए इसे कई तरीकों से लिया जा सकता है, जैसे नीम का रस या फिर इसकी गोली। चलिए जानते हैं नीम के जूस के हेल्थ और ब्यूटी बेनेफिट्स के बारे में।

(Neem ke fayde or nuksan) नीम का रस पीने से सेहत को मिलने वाली लाभ:-

1. बेहतर डाइजेशन: नीम अपने एंटी-फ्लैटुलेंट, कसैले और एंटासिड गुणों के लिए जाना जाता है, जो पेट में अत्यधिक गैस और एसिड बनने से रोकने में मदद कर सकता है। यह डाइजेशन और मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाने में भी कारगर होता है। नीम के फायदे और नुकसान

2. फाइबर से भरपूर: नीम में फाइबर होता है, जो बेहतर डाइजेशन को बढ़ावा देता है और शरीर में हेल्दी बैलेंस बनाए रखता है। शरीर को नमीयुक्त रखता है। नीम के फायदे और नुकसान

3. ऑक्सीडेटिव तनाव रोके: नीम के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर को बेहतर तरीके से डिटॉक्स करता है और ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकता है। इतना ही नहीं नीम, सेल्स में ब्लड और ऑक्सीजन के फ्लो को भी बढ़ावा देता है। यही वजह है कि स्किन भी हेल्दी और चमकदार नजर आने लगती है। नीम के फायदे और नुकसान

4. फैटी एसिड होता है:- नीम में आवश्यक विटामिन और फैटी एसिड होते हैं, जो स्किन को सॉफ्ट रखने में मदद करते हैं और झुर्रियों और फाइन लाइन्स जैसी परेशानियों को ख़त्म करते हैं। नीम के फायदे और नुकसान

5. त्वचा की सूजन को रोकता है: नीम में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण त्वचा की सूजन को रोकने में मददगार साबित होता हैं, जिससे रेडनेस, पिंपल्स, मुहांसे, रैशेज और जलन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

(Neem ke fayde or nuksan) अब जानेंगे नीम के औषधीय गुण के बारे में।

नीम के औषधीय गुण

नीम में बहुत सरे औषधिये गुण पाए जाते हैं। यही कारण है कि इसका इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है। दरअसल, इसमें एंटी बैक्टीरियल (बैक्टीरिया से लड़ने वाला), एंटी फंगल (फंगस से लड़ने वाला), एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को कम करने वाला) और एंटीवायरल (वायरल संक्रमण से बचाव) वाले गुण मौजूद हैं। यही नहीं, आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि नीम सांप के जहर के असर को कम करने की क्षमता भी रखता है। इसके अलावा, नीम के फायदे और भी हैं जिसके बारे में आज हम लेख में विस्तार से बताएँगे।

(Neem ke fayde or nuksan) नीम के सेवन से होने वाले फायदे:-

नीम कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है। इसका उपयोग त्वचा के साथ-साथ कई शारीरिक परेशानियों को भी कम करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, यहां हम स्पष्ट कर दें कि नीम किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। यह केवल उसके लक्षणों को कम कर सकता है या बीमारी से बचाव कर सकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए अब जानिए फायदे –

1. एंटीबैक्टीरियल गुण
(Neem ke fayde or nuksan) इंफेक्शन का खतरा किसी को भी हो सकता है और इसके पीछे का एक कारण नजर न आने वाले छोटे-छोटे बैक्टीरिया भी होते हैं। खासकर, बरसात के दिनों में यह समस्या और बढ़ सकती है। ऐसे में नीम का उपयोग इससे बचाव में मदद कर सकता है। दरअसल, रिसर्च के मुताबिक, नीम एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। इस अध्ययन से यह बात सामने आई है कि नीम पैथोजेनिक बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण के उपचार के लिए एक प्रभावी एंटीबैक्टीरियल एजेंट के रूप में काम कर सकता है। नीम के फायदे और नुकसान

वहीं, नीम की पत्तियों में मौजूद क्वेरसेटिन (Quercetin) और बी-साइटोस्टरोल (ß-sitosterol) पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों की पुष्टि हुई है। ऐसे में बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव के लिए नीम का उपयोग लाभकारी हो सकता है। नीम के फायदे और नुकसान

2. रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए
(Neem ke fayde or nuksan) उच्च रक्तचाप की समस्या से बचाव या उसे नियंत्रित करने में भी नीम के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, नीम में ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने के गुण मौजूद हैं। वहीं, एनसीबीआई (NCBI-नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, नीम के मेथनॉल-अर्क में मौजूद पॉलीफेनोल में एंटी हाइपरटेंसिव गुण यानी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के गुण की पुष्टि हुई है।

ऐसे में उच्च रक्तचाप की समस्या से बचाव या उसे नियंत्रित करने के लिए नीम का उपयोग लाभकारी हो सकता है। हालांकि, अगर कोई हाई बीपी की दवा का सेवन कर रहा है, तो नीम के सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श भी जरूर लें। नीम के फायदे और नुकसान

3. सांस संबंधी समस्याओं के लिए

(Neem ke fayde or nuksan) सांस से संबंधित समस्याओं के लिए भी नीम उपयोगी किया जाता है। इससे संबंधित एक रिसर्च में इस बात की जानकारी मिलती है कि नीम के पत्तों में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद हैं। इसके ये सभी गुण पल्मोनरी इन्फ्लेमेशन (pulmonary inflammation- रोगों का समूह जो फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है) के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाता है।

वहीं, नीम का एंटी-एलर्जिक गुण अस्थमा की समस्या के लिए उपयोगी हो सकता है। ऐसे में दमा की समस्या के लिए योग के साथ-साथ नीम का उपयोग काफी लाभकारी हो सकता है। दमा के लिए नीम एक आयुर्वेदिक औषधि की तरह काम कर सकता है।

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4. अल्सर के लिए नीम का उपयोग

(Neem ke fayde or nuksan) एक शोध के अनुसार, नीम के छाल का अर्क गैस्ट्रिक हाइपरएसिडिटी (गैस्ट्रिक एसिड का अधिक उत्पादन) और अल्सर पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। नीम के छाल का अर्क औषधि की तरह काम कर सकता है। वहीं, एनसीबीआई के एक शोध में नीम में एंटीअल्सर गुण होने का जिक्र किया गया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि नीम का एंटीअल्सर गुण अल्सर से बचाव में एकरामबाण का कार्य करता है।

वहीं, अगर किसी को अल्सर की समस्या है, तो बेहतर है व्यक्ति पहले डॉक्टरी परामर्श के अनुसार इलाज कराएं। साथ ही डॉक्टरी सलाह से ही नीम या नीम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। नीम के फायदे और नुकसान

5. डायबिटीज में नीम के फायदे

(Neem ke fayde or nuksan) नीम की कड़वाहट मधुमेह की समस्या को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से पता चलता है कि नीम हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर कम होने की प्रक्रिया) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। ऐसे में इसका हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में उपयोगी हो सकता है। वहीं नीम में एंटी-हाइपरग्लिसेमिक गुण भी मौजूद होता है।

इस आधार पर यह माना जा सकता है कि नीम मधुमेह की समस्या से बचाव करने में या ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। वहीं, अगर कोई मधुमेह की दवा का सेवन कर रहा है, तो बेहतर है नीम के सेवन से पहले डॉक्टरी परामर्श लें।

7. कुष्ठ रोग में नीम का उपयोग

(Neem ke fayde or nuksan) कुष्ठ रोग के कुछ लक्षणों को भी कम करने में नीम के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, कुष्ठ रोग के उपचार के तौर पर नीम के बीज के तेल के उपयोग की बात कही गई है। वहीं, आयुर्वेद में भी कुष्ठ रोग के इलाज के लिए नीम के पत्तों को उपयोगी माना गया है। हालांकि, नीम का कौन सा गुण कुष्ठ रोग के लिए उपयोगी हो सकता है, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। साथ ही इस विषय में शोध काफी सीमित है।

ऐसे में हम यहां स्पष्ट कर दें कि कुष्ठ रोग जैसी अवस्था में सिर्फ नीम के उपयोग पर निर्भर न करते हुए, डॉक्टर से उपचार भी जरूरी है।

8. मलेरिया के उपचार में नीम का उपयोग

(Neem ke fayde or nuksan) मलेरिया के प्रभाव और इसके लक्षणों को कम करने में नीम के पत्तों के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, नीम की पत्तियां एंटीमलेरियल गुणों (Antimalarial Properties) से भरपूर होती है, जो मलेरिया की दवा के रूप में काम कर सकती है और इस समस्या से उबरने में मदद कर सकती हैं। ऐसे में मलेरिया के उपचार के लिए डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ नीम का घरेलू उपाय भी आजमाया जा सकता है। हालांकि, मलेरिया में नीम का उपयोग कैसे और कितनी मात्रा में करना है, इस बारे में डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

9. पेट के स्वास्थ्य के लिए नीम

(Neem ke fayde or nuksan) पेट के स्वास्थ्य के लिए भी नीम के पत्ते के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, नीम का इस्तेमाल कई सालों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में अल्सर और अन्य प्रकार की गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए एक किया जाता रहा है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है कि नीम शरीर से विषाक्त पदार्थों और हानिकारक जीवाणुओं को मॉल मूत्र द्वारा बाहर निकाल देता है। नीम का यह गुण स्वस्थ पाचन तंत्र में सुधार करने में सहायक हो सकता है। साथ ही यह पेट को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

10. लिवर को स्वस्थ रखने में नीम का प्रयोग
(Neem ke fayde or nuksan) लिवर के लिए नीम काफी लाभ करि होता है। दरअसल, नीम का उपयोग लिवर के क्षति और कैंसर से बचाव कर सकता है। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, नीम में मौजूद एजेडिराक्टिन-ए (azadirachtin-A) कंपाउंड हेप्टोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) यानी लिवर को सुरक्षा देने वाला गुण प्रदर्शित कर सकता है। ऐसे में लिवर को स्वस्थ रखने के लिए नीम का सेवन उपयोगी हो सकता है ।

11. कैंसर से बचाव के लिए नीम
(Neem ke fayde or nuksan) एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, नीम के बीज, पत्ते, फूल और फलों का अर्क विभिन्न प्रकार के कैंसर के विरुद्ध कीमोप्रिवेंटिव, एंटी कैंसर और एंटीट्यूमर गुण को प्रदर्शित कर सकता है। इसके अलावा, नीम का अर्क कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को रोकने में भी मदद कर सकता है।

नीम के पौष्टिक तत्व:- नीम के पत्ते और फल में कई पोषक तत्व और रसायन भी मौजूद रहता है, जो निम्नलिखित है:-

  • प्रोटीन
  • कैल्शियम
  • बिटामिन सी
  • फाइबर
  • वसा
  • एमिनो एसिड
  • नाइट्रोज़न
  • फास्फोरस
  • पोटेशियम
  • टैनिक एसिड

नीम के नुकसान – Side Effects of Neem in Hindi

कहने को तो नीम प्राकृतिक का वरदान है, लेकिन इसका उपयोग सतर्कता के साथ करना चाहिए।

(Neem ke fayde or nuksan) एक रिसर्च के मुताबिक, नीम के अर्क में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। ऐसे में जिन लोगों को लो ब्लड शुगर की समस्या है, बेहतर है वे लोग नीम के सेवन से परहेज करें। अगर नीम का सेवन करते भी हैं, तो उन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच और निगरानी करना आवश्यक है।

(Neem ke fayde or nuksan) शुगर के मरीज इसका सेवन डॉक्टरी परामर्श से करें क्योंकि इसमें ब्लड शुगर की मात्रा को कम करने का गुण भी मौजूद है। ऐसे में इसका सेवन ब्लड शुगर लेवल को सामान्य से कम कर सकता है। खासतौर से, अगर कोई मधुमेह की दवा का सेवन कर रहा है, तो नीम के सेवन से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लें।
अगर किसी की त्वचा संवेदनशील है तो, नीम के इस्तेमाल पहले पैच टेस्ट जरूर करें ।
एलर्जी की समस्या वाले लोगों को नीम के सेवन से बचना चाहिए।

(Neem ke fayde or nuksan) जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि नीम में गर्भनिरोधक गुण मौजूद होते हैं। जानवरों पर किए गए शोध में, नीम का अर्क गर्भावस्था को समाप्त करने में सफल पाया गया है। ऐसे में, इस स्टडी को ध्यान में रखते हुए, यह जरूरी है कि गर्भवती महिलाओं को भी नीम के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए।

(Neem ke fayde or nuksan) इसके अलावा, कई अध्ययनों में बच्चों में नीम के तेल के दुष्प्रभाव को भी देखा गया है। एक रिसर्च के अनुसार, बच्चों में नीम के तेल का सेवन उल्टी, अधिक नींद और सांस संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं, नीम का तेल जान का जोखिम भी पैदा कर सकता है। ऐसे में बच्चों के लिए तेल का मौखिक उपयोग उचित नहीं है। अगर डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाए तो ही बच्चे को नीम का तेल दें।
यही नहीं, नीम के तेल का टॉक्सिक प्रभाव डायरिया और मतली का कारण भी बन सकता है।

(Neem ke fayde or nuksan) नोट : गर्भवती और बच्चों को नीम या नीम युक्त खाद्य पदार्थ देने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। इसके अलावा, अगर किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तब भी नीम का सेवन विशेषज्ञ से राय लेने के बाद ही करें।

(Neem ke fayde or nuksan) इसमें कोई शक नहीं है कि नीम ट्री औषधीय गुणों से भरपूर होता है। हालांकि, नीम के लाभ के साथ-साथ सावधानी के तौर पर हमने लेख में नीम के नुकसान की भी जानकारी दी है। वहीं, नीम के नुकसान से बचाव के लिए हमने लेख में नीम के उपयोग की जानकारी भी साझा की है। ऐसे में सही तरीके से नीम का उपयोग कर नीम का लाभ उठाया जा सकता है।

हालांकि, एक बार फिर से आपको बता दें कि नीम किसी बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि बीमारी के प्रभाव और लक्षणों को कम करने के लिए उपयोगी होता है। हो सकता नीम के सेवन से कुछ बीमारियों का जोखिम कम हो।

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